‘व्रतराज' शारदीय नवरात्र को कहा जाता है
‘व्रतराज' शारदीय नवरात्र को कहा जाता है ओके न्यूज़ (रवि पंडित ) :सनातन धर्म में नवरात्र की मान्यता युगों-युगों से कायम है और पूरे वर्ष में 40 नवरात्र का उल्लेख उपलब्ध होता है। इनमें *पांच नवरात्र आज भी भारतीय समाज में प्रचलित हैं, जिसमें से शारदीय नवरात्र को सर्वाधिक सिद्धिदायक माना गया है, इसी वजह से इसे व्रतराज भी कहा जाता है। मान्यता के अनुसार प्रथम चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नवमी तिथि तक वासंतिक नवरात्र, दूसरा आषाढ़ शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नवमी तिथि तक गुप्त नवरात्र, तीसरा आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्र, चौथा पौष मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तिथि तक पौष्य नवरात्र और पांचवां माघ शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नवमी तिथि तक माघ नवरात्र। लेकिन इन नवरात्रों में वासंतिक नवरात्र और शारदीय नवरात्र का विशेष मान है। इन दोनों में भी शारदीय नवरात्र को सबसे अधिक सिद्धिदायक माना गया है। मानव जीवन के सर्वांगीण विकास व तमाम तरह के कष्ट की मुक्ति और सफल जीवन का पाठ पढ़ाने वाले ...