राजस्थान में बदलता सियासी घटनाक्रम !!

राजस्थान में बदलता सियासी घटनाक्रम / कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद विधायकों को 4 बसों से होटल भेजा गया, बैठक में गहलोत के समर्थन में रेजोल्यूशन पास

मुख्यमंत्री निवास पर विधायक दल की बैठक खत्म होने के बाद वहां मौजूद गहलोत समर्थक सभी विधायकों को बसों से सीधे माउंट फेयर होटल भेजा गया। गहलोत भी उनके साथ गए।मुख्यमंत्री निवास पर विधायक दल की बैठक खत्म होने के बाद वहां मौजूद गहलोत समर्थक सभी विधायकों को बसों से सीधे माउंट फेयर होटल भेजा गया। गहलोत भी उनके साथ गए

Jul 13, 2020, 5:45

(Oknews)जयपुर. मुख्यमंत्री गहलोत के आवास पर सोमवार सुबह विधायक दल की बैठक हुई। इसके बाद गहलोत ने उनकी सरकार सुरक्षित होने का दावा किया। बैठक के बाद वहां मौजूद सभी विधायकों को 4 बसों से सीधे फेयर माउंट होटल भेज दिया गया। उनके साथ बस में बैठकर गहलोत भी गए। इससे पहले बैठक में शामिल होने वाले विधायकों को पुलिस एस्कॉर्ट के बीच सुरक्षा में लाया गया। गहलोत के साथ 96 से 98 विधायकों के आने की खबर है। हालांकि, दावा 107 का किया जा रहा है।

बैठक के बाद कांग्रेस विधायक दल ने रेजोल्यूशन पास किया। इसमें कहा गया कि सरकार के खिलाफ काम करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। रेजोल्यूशन में यह भी कहा गया कि भाजपा द्वारा लोकतंत्र खत्म करने की कोशिश की गई है, यह राज्य की 8 करोड़ जनता का अपमान है। विधायक दल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अशोक गहलोत के लिए समर्थन जताया।

सरकार को 109 विधायकों का समर्थन

गहलोत सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, ‘‘सरकार को कोई खतरा नहीं है। हमें 109 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है। जिन विधायकों को भाजपा द्वारा जबरन रोका जा रहा है, वे वीडियो बनाएं और शेयर करें। राजस्थान में कांग्रेस सरकार अपने 5 साल का कार्यकाल पूरा करेगी।'’

राजनीति के जानकार बताते हैं कि पायलट भले ही दावा करें कि उनके पास 30 विधायकों का समर्थन है, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए उनके खेमे में 15 विधायक ही नजर आ रहे हैं। गहलोत सरकार के कद्दावर मंत्री बाकी विधायकों से संपर्क करने की कोशिश भी कर रहे हैं।

कांग्रेस विधायक दल की बैठक में विधायकों को पुलिस एस्कॉर्ट में लाया गया।

मुख्यमंत्री आवास में खाने पर 115 विधायक पहुंचने का दावा
मुख्यमंत्री गहलोत ने रविवार रात सरकार के सभी मंत्रियों और विधायकों को सरकारी आवास पर खाने पर बुलाया। कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि सरकार के पास पूर्ण बहुमत है। उन्होंने कहा कि डिनर में 115 विधायक डिनर शामिल हुए। इस बीच, कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि भाजपा सरकारी एजेंसियों का गलत उपयोग कर रही है। सरकार बहुमत में है। उन्हाेंने कांग्रेस नेताओं पर आयकर छापों की आलोचना की।

दावे और सियासी गणित के दो पहलू

पहला: पायलट का दावा है कि उनके संपर्क में 30 से ज्यादा विधायक हैं। इसे सही मानें तो गहलोत सरकार अल्पमत में आ जाएगी। कांग्रेस के 107 में से 30 विधायक इस्तीफा देते हैं तो सदन में विधायकों की संख्या 170 हो जाएगी। ऐसे में बहुमत के लिए 86 विधायकों की जरूरत होगी। 30 के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के पास 77 विधायक बचेंगे। एक आरएलडी विधायक पहले से उनके साथ है। कांग्रेस की कुल संख्या 78 होगी। यानी बहुमत से 8 कम। उधर, आरएलपी के 3 विधायक मिलाकर भाजपा के पास 75 विधायक हैं। सरकार बनाने के लिए भाजपा को निर्दलीय तोड़ने होंगे। प्रदेश के 13 निर्दलीय विधायकों में फिलहाल 10 कांग्रेस समर्थक हैं। अगर इसमें से भाजपा 8 विधायक अपनी तरफ कर ले तो अपनी सरकार बना सकती है।

दूसरा: पायलट के दावे से अलग अब तक की स्थिति में 15 कांग्रेस विधायक उनके खेमे में होने की संभावना है। अगर यह सभी विधायक इस्तीफा देते हैं तो सदन में विधायकों की संख्या 185 हो जाएगी। फिर बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा 93 पर पहुंच जाएगा। मौजूदा समीकरण में गहलोत गुट में 92 कांग्रेस विधायक हैं। एक आरएलडी विधायक उनके साथ हैं और अगर कुछ निर्दलीय गहलोत के साथ रहे तो सरकार सुरक्षित रहेगी। 

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